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देश का गद्दार कृपाल सिंह: गद्दारी के 104 वर्ष

ना खून से ना शहादत से, ना सिसकियों से संतापों से, हिंदुस्तान सदा मात खाता अाया, आस्तीन के सांपों से।

कृपाल सिंह को औपनिवेशिक कालीन भारतीय इतिहास में एक विश्वासघाती व्यक्ति के रूप में जाना जाता है। स्वतंत्रता सेनानी लाला हरदयाल ने विद्रोह की एक योजना बनाई थी, जिसकी सूचना कृपाल सिंह ने पुलिस को दे दी थी।

कृपाल सिंह गदर पार्टी का सदस्य था। लाला हरदयाल जी द्वारा एक योजना क्रियान्वित की गई थी, जिसके अनुसार यह निश्चय किया गया था कि ईरान, अरब, इराक और अफ़ग़ानिस्तान के मुसलमान 22 फ़रवरी सन् 1915 को विद्रोह करेंगे जिसमें पंजाब के सिक्ख भी उनका साथ देंगे। लाला हरदयाल जी की इस क्रांति में जर्मनी तथा टर्की ने भी सहायता देने का आश्वासन दिया, किंतु कृपाल सिंह ने इस योजना के संबंध में पंजाब पुलिस को सूचना दे दी।

इस विश्वासघात के लिए सरकार ने कृपाल सिंह को 30,000 रुपया नगद और काफी भूमि उपहार स्वरूप दी। कृपाल सिंह ने उस समय विश्वासघात किया, जबकि इंग्लैंड जर्मनी से हार रहा था।

यह योजना उस समय आसानी से सफल हो सकती थी, क्योंकि ब्रिटिश सरकार के लिए एक साथ दो मोर्चों पर लड़ना कठिन था।